hindi kahani
गिलहरी के झूलने से बंदर को गुदगुदी होने लगी । उसने नीचे की ओर देखा। उसे पूँछ पर गिलहरी दिखाई दी। वह हँसकर बोला- “गिलहरी! तुम मेरी पूँछ पर क्यों झूल रहो हो? मुझे गुदगुदी हो रही है।” गिलहरी ने यह सुनकर ऊपर की ओर देखा। उसे बंदर दिखाई दिया। वह बोली- बंदर महाराज!
बीजेपी के घोषणापत्र में सीएए-एनआरसी को लेकर अब क्या कहा गया है - प्रेस रिव्यू
बीजेपी के घोषणापत्र में सीएए-एनआरसी को लेकर अब क्या कहा गया है - प्रेस रिव्यू
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए क्लिक करें. आप हमें क्लिक करें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
मुकेश कोई छः – सात साल का होगा। उसे पेंटिंग करना और क्रिकेट खेलना बेहद पसंद है। खाली समय में वह क्रिकेट खेलता और पेंटिंग बनाया करता था।
एक दिन की बात है दादा जी को क्रोकरी के बर्तन में खाने को मिला।
दोनों बकरियां घास को खाकर खुश रहती थी।
किंतु दादाजी नहीं मिले मां से पूछा तो माँ ने बताया दादाजी गांव गए हैं।
अकस्मात वहां एक भील जाति का शिकारी आ गया और उसने शेर पर हमला करके उसे मार भगाया।
शहरी और देहाती भावनाओं और संवेदनाओं की विडंबनात्मक रोमैंटिक परिणति की यह कहानी अविस्मरणीय है.
पहले बेटे ने सोचा कि पिता तो सठिया चुके हैं। इस थोड़े से पैसे से इस महल को किसी चीज से कैसे भरा जा सकता है। इसलिए वह एक मयखाने में गया, शराब पी और सारा पैसा खर्च डाला।
उस दिन बड़े सबेरे जब श्यामू की नींद खुली तब उसने देखा—घर भर में कुहराम मचा हुआ है। उसकी काकी उमा एक कंबल पर नीचे से ऊपर तक एक कपड़ा ओढ़े हुए भूमि-शयन कर रही हैं, और घर के सब लोग उसे घेरकर बड़े करुण स्वर में विलाप कर रहे हैं। लोग जब उमा को श्मशान सियारामशरण गुप्त
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
कुछ बड़ा कर गुजरने की कोई आयु नहीं होती। अपनी प्रतिभा से समाज को भी बदला जा सकता है।